एनपीआर में नाम नहीं होने पर भी नहीं जाएगी नागरिकता : अमित शाह

नई दिल्ली: गृहमंत्री अमित शाह ने अमित शाह ने कहा कि हम कहेंगे कि सूरज पूरब से उगता है तो फायदा न मिले. कहा कि नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर एनपीआर को कोई भी डेटा ओवैसी कहेंगे कि पश्चिम से उगता है. ये अमित शाह से सवाल किया गया कि एनपीआर) और एनआरसी (नेशनल एनआरसी के उपयोग में आ उनका स्टैंड होता है. अमित शाह ने कहा, जब साल २०१५ में सेंसेस अपडेट हो रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स) का आपस में ही नहीं सकता क्योंकि ये "मैं गृहमंत्री होने के नाते ओवैसी साहब गया तो अभी इसे लाने की क्या जरूरत कोई लेना-देना नहीं है. वहीं नागरिकता अलग प्रक्रिया है. अमित को ये आश्वस्त करना चाहता है कि है. इस पर अमित शाह ने कहा कि संसोधन कानून को लेकर उन्होंने कहा शाह ने कहा, "एक दो चीजें इसका एनआरसी की प्रक्रिया से कोई २०१५ में इसे पायलट लेवल पर अपडेट कि इसके तहत किसी की नागरिकता नई हैं. घर का एरिया क्या लेन देन नहीं है. ये बहुत अलग प्रकार की किया गया था. ये दस साल में की जाने लेने का प्रावधान ही नहीं है बल्कि ये तो है, घर में पशु कितने प्रक्रिया है." दरअसल ओवैसी ने कहा है वाली प्रकिया है. इस बीच देश में रहने नागरिकता देने का प्रावधान है. अमित हैं...इस प्रकार की कुछ कि एनपीआर, एनआरसी का दूसरा नाम वाली जनसंख्या में बड़ा उथल पुथल शाह ने कहा कि एनपीआर जनसंख्या का चीजें नई है. जिसके आधार है. इसे दूसरे नाम से लाया जा रहा है. होता है. जनगणना भी दस साल में होती रजिस्टर है. ये पॉपुलेशन रजिस्टर है. पर राष्ट्र की सारी योजनाओं अमित शाह ने कहा कि डरा-डरा कर है. २०१० में यूपीएम ने यही (एनपीआर) इसमें जो भी रहते हैं उनके नाम रजिस्टर दोनों प्रक्रिया का कोई लेन देन नहीं है. न का खाका बन जाए." इस प्रकार के सर्वे ही माइनॉरिटी को अबतक फायदों से दूर एक्सरसाइज किया. किसी ने सवाल नहीं किए जाते हैं. इसके आधार पर देश की ही दोनों प्रक्रिया का एक दूसरे के सर्वे में अगर नहीं हुए होते तो हम आज देश में रखा गया. लेकिन नरेंद्र मोदी की सरकार उठाया. वो करते हैं तो कुछ नहीं हम अलग-अलग योजनाओं का आकार कोई उपयोग हो सकता है. एनपीआर के हर गरीब के घर में गैस नहीं पहुंचा पाते. आने के बाद उन्हें गैस, घर, शौचलय करते हैं तो प्रॉब्लम है? अमित शाह से बनता है. एनआरसी में लोगों से दस्तावेज लिए जो अभी प्रकिया चलेगी उसका जो लोग इसको लेकर अप्रचार कर रहे हैं और हेल्थ कार्ड मिला है. कुछ विपक्षी सवाल किया गया कि नागरिकता मांगे जाते हैं कि आप बताएं कि किस कभी भी एनआरसी के लिए उपयोग नहीं वो गरीबों और माइनॉरिटी का नुकसान दल इसका (एनपीआर) इसलिए विरोध संशोधन कानून को लेकर छात्रों से लेकर आधार पर आप देश के नागरिक हैं. इन हो सकता. दोनों कानून भी अलग हैं. कर रहे हैं. अमित शाह ने कहा कि अगर कर रहे हैं कि ताकि अभी भी उन्हें ये वकील तक प्रदर्शन कर रहे हैं.